आइए ऐसे योद्धाओं को अपनी श्रद्धां‍जलि अर्पित करें जिन्‍होंने अपना सर्वस्‍व देकर देश की रक्षा की.     In English
कारगिल के दुर्गम क्षेत्रों पर भारतीय सैनिकों का कड़ा पहरा रहता है.
9 जून 1999
16 जून 1999
23 जून 1999
30 जून 1999
7 जुलाई 1999
14 जुलाई 1999
21 जुलाई 1999
28 जुलाई 1999

जब कारगिल में विजय दिवस मनाने सारा ज़माना जुटा है, तो प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने दिल्ली में ही शहीदों को श्रद्धांजलि देने की रस्म अदा कर ली. देशप्रेम पर लंबे-चौड़े भाषण देने वाले हमारे नेताओं को शायद कारगिल जाना उतना ज़रूरी नहीं लगा. देश के कोने-कोने से लोग करगिल पहुंचे हैं.

8 सिख रेजिमेंट
मेरे कल के लिए जिन्‍होंने अपना आज मिटा दिया उनको मेरा सलाम. कभी नहीं भूला पाएंगे उन्‍हें. शत शत प्रणाम.

कारगिल से होकर श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे (एनएच-1) के इलाके में घुसपैठ हुई.

पाकिस्‍तानी घुसपैठियों ने भारत की 130-200 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्‍जा कर लिया.

ऑपरेशन विजय के तहत करीब 30,000 सैनिकों को भेजा गया.

ऑपरेशन सेफ्ड सागर भारतीय वायुसेना द्वारा थल सेना की मदद के लिए चलाई गई मु‍हीम थी.

घुसपैठियों के पास छोटे हथियार, ग्रेनेड लॉन्‍चर, मोर्टार, तोपखाना और विमानभेदी बंदूकें थीं.

घुसपैठियों द्वारा एनएच-1 के सामने की पहाडि़यों पर फिर से कब्‍जा करने और तोलोलिंग में हुई जीत ने लड़ाई को भारत के पक्ष में कर दिया.

भारतीय वायुसेना ने घुसपैठियों के सुरक्षित ठिकानों पर हमला करने के लिए लेजर आधारित बमों का प्रयोग किया.

कुछ लड़ाइयां तो कड़कड़ाती ठंढ जहां तापमान -15 डिग्री सेल्सियस था, वहां भी लड़ी गईं.

पाकिस्‍तान परमाणु हथियारों का प्रयोग करना चाहता था लेकिन तत्‍कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति बिल क्लिंटन के दखल के बाद वह पीछे हट गया.

4 जुलाई को बिल क्लिंटन और नवाज शरीफ की मुलाकात के बाद पाकिस्‍तान ने पीछे हटने का फैसला किया लेकिन जिहादी गुटों ने लड़ाई जारी रखी.

यह लड़ाई 26 जुलाई को समाप्‍त हुई जिसे कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया गया.

शुरू में पाकिस्‍तान ने इस लड़ाई में अपना हाथ होने से इनकार किया लेकिन बाद में अपने सैनिकों को बहादूरी पुरस्‍कारों से सम्‍मानित कर उसने मान लिया कि उसके सैनिक भी इसमें शामिल थे.

4 भारतीय सैनिकों को परमवीर चक्र से सम्‍मानित किया गया जबकि पाकिस्‍तान में दो सैनिकों को निशान-ए-हैदर से नवाजा गया. दोनों देशों के ये सबसे बड़े वीरता पुरस्‍कार हैं.


नवाज शरीफ के अनुसार 4000 से ज्‍यादा पाकिस्‍तानी सैनिक इस लड़ाई में मारे गए. भारत में मरने वाले सैनिकों की संख्‍या करीब 550 थी.

भारत ने इस दौरान नियंत्रण रेखा पर अपनी मर्यादा बनाए रखी और कभी उसे उल्‍लंघन करने का प्रयास नहीं किया.